Saturday, April 9, 2011

नरसिंह प्रार्थना

श्री संत कल्याण सेवक शंकराचार्य महाराज  यांच्या मुखातून उस्फुर्तपणे आलेले काव्य 
कोळे-नरसिहपूर  ख्यात प्रसिद्ध क्षेत्र।कृष्णा तटी सुबक घाट पवित्र पात्र ॥
देवालयी परम गुप्त भुयार श्रेष्ठ ।मूर्ती पुरातन अतीव नृसिहा श्र्ष्ट ॥
ज्वाला नृसिहा ,कर षोडश.पाच फूट।कोरीव काम अति उत्कट नीट नेट॥
पूर्णत्व शिल्प प्रभू मूर्ती .दशावतार ।हातावरील शुभ चिन्ह .किरीट तार ॥
आहे पुरातन महा नरसिंह क्षत्र ।सिद्धेश्वरा प्रकट देवही भक्त पात्र ॥
श्री नामदेव इह कीर्तनकार श्र्ष्ट ।कट्टा  नदीवर असे बघ पार जेष्ठ ॥
ऋषी पराशर प्रसन्न नरसिंह मूर्ती । कृष्णेत अर्पित मुनीच नरसिंह तीर्थी ।
काढी शके शतक, कुंडल भीमराजा ।  डोहातुनी विमलभाव जना समाजा ॥
कृष्णा महात्म्य बघता समजे जनास । ऋषी पराशर करी तप तीव्र खास ॥
कृष्णा तटी शिव प्रसन्न नरसिंह रूपे । दे दर्शना भुजहि षोडश शस्त्र रूपे ॥
कल्याण दे सकल सुसेवकांस । सिद्धेश्वरास अनुभूती हि नामयास ॥
प्रत्यक्ष देव सकलात नरसिंह राम । साक्षात नरसिंह शिव सेवक आत्मधाम ॥
सर्वावरी कर कृपा भगवान नरसिंह । राष्ट्रात स्वार्थ भरला नुरवी नरसिंह ॥
कल्याण कोण करती, कर राष्ट्र कार्य । सेवा नरसिंह जगती नरसिंह आर्य ॥
आर्यात आर्य नुरला न च नीती न्याय । स्वार्थांध लोक बनला भव भीती काय 
ना शौर्य धैर्य फसवी जन एकमेका । यावे नरसिंह जगती जन हाक ऐका ॥
कोळे नरसिंहपुरवास करी सुभाक्ता । कल्याण पूर्ण मिळते नरसिंह भक्त ॥
स्वानंद मानव मनास मिळे कृपेने । लक्ष्मी नरसिंह पद सेवक पूर्णतेने ॥

1 comment:

  1. aajachya sadha paristhitila yogya varnan v aavashyak aahe.manasatil sinmha jaagaa jhaalaa pahije. yaasaathi narsinmha upaasanaa havich havi.

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